कपिलेश्वर स्थान मंदिर के बारे मे कहल जाइ छै जे एहि मंदिर के शिवलिंगक स्थापना कपिल मुनि कएने छलथिन्ह. कहल जाइत अछि जे राजा सगर एक बेर अश्वमेघ यज्ञ कएला के बाद घोड़ा छोड़लाह… घोड़ा के संग सगर के पुत्र आओर साठि हजार सैनिक सेहो छलन्हि. राजा सगर के एहि राज्य विस्तार सं डरि यज्ञ के घोड़ा चोरा पालात लोक मे कपिल मुनि के कुटिया के पास बान्हि देलखिन्ह. जखन राजा सगर के सैनिक घोड़ा के कुटिया मे बान्हल देखलक तs कपिल मुनि के चोर समझि अपमान करय लागल…ताहि सं तससा कs राजा सगर के पुत्र आ सैनिक के शाप द नष्ट कS देलथिन्ह. एहि के बाद ओ अपन पाताल लोक के आश्रम छोड़ि कपिलेश्वर चलि अएला आओर अहि ठाम शिवलिंगक स्थापना कए रहय लगलाह. अगर कहिओ कपिलेश्वर जाय के मौका मिलय त जरूर जाउ. दरभंगा सं जयनगर जाए के क्रम मे कई बेर एहि रास्ता सं गुजरल होएब… कहिओ उतरि कs दर्शन करि
Kapileshwar sthan is the place of worship.There is a LORD SHIV temple here. It is also a bird's zone. Kapileshwar Sthan is one of famous lord shiv temple in Madhubani district. This Place is located near Saurath Sabha. Special dish: Jalebi Kachhari, Mudhhi and Jhilly is main dish Source of Revenue: Daan by devotees Rental from the small traders within the temple premises
Thursday, January 11, 2018
कपिलेश्वर बाबाक मंत्र
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।
हम नै जेबै कोहबर घर(कपिलेश्वर बाबाक नचारी)
गौरीक विवाह क बाद बिदाई कालक ई गीत अछि। गौरि गाबैत छथिन्ह.. हम नै जेबै कोहबर घर हमरा डर लागय ये। हमरा डर लागै यें हमरा डर लागय यै।
भोला क भेष भूशा देखि गौरी के डर लगलन्हि ।
ई गीतक प्रसंग अछि।
अपने सभके कोनो गीत कपिलेश्वर बाबाक आबय य त् जरूर कम्मेंट बोक्श में शेयर करू।